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इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में कम से कम 10 टेलीफोन नम्बर क्रियाशील किये जाएं : योगी


 

लखनऊ, 07 मई 2021 (आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पर्याप्त संख्या में टेस्ट के बावजूद पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों में 55 हजार से अधिक की कमी आशाजनक संकेत है। उन्होंने कोरोना पर नियंत्रण एवं उपचार व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए सभी प्रयास निरन्तर जारी रखे जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य स्तरीय कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 30 अप्रैल, 2021 को प्रदेश में कोरोना के कुल 03 लाख 10 हजार 783 एक्टिव मामले थे। वर्तमान में कुल एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 02 लाख 54 हजार 118 है। इस प्रकार एक सप्ताह में एक्टिव मामलों में 55,000 से अधिक की कमी आयी है। राज्य में निरन्तर प्रतिदिन दो से ढाई लाख करोना जांचे की जा रही हैं। विगत 24 अप्रैल को लगभग 38,000 पॉजिटिव मामले आये थे। तब से पॉजिटिव मामलों में भी लगातार कमी आ रही है। विगत 24 घण्टे में कोरोना संक्रमण के 28,076 नए मामले मिले हैं, जबकि 33,117 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनायी जाए कि कोरोना संक्रमित प्रत्येक जरूरतमन्द व्यक्ति को अस्पताल में आसानी से बेड सुलभ हो। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को इसके लिए प्रभावी प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेन्टर (आई0सी0सी0सी0) को व्यवस्थित, सुचारु एवं प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में आई0सी0सी0सी0 में कम से कम 10 टेलीफोन नम्बर क्रियाशील किये जाएं। आई0सी0सी0सी0 में प्रशिक्षित एवं पर्याप्त संख्या में लोग तैनात किए जाए, जिनकी ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगायी जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आई0सी0सी0सी0 द्वारा प्रतिदिन किये गये कार्यों की जानकारी ली जाए। उन्होंने स्वास्थ्य राज्य मंत्री को प्रत्येक आई0सी0सी0सी0 के नोडल अधिकारी एवं वहां तैनात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से सूची एवं फोन नम्बर प्राप्त कर मॉनिटरिंग करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री से बेड की संख्या में वृद्धि एवं मैन पावर की उपलब्धता की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि सभी जनपदों में कोविड  बेड की संख्या में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास जारी रखी जाएं। साथ ही, मानव संसाधन भी पर्याप्त संख्या में सुलभ कराए जाएं। उन्होंने सभी जनपदों में स्थापित एल-1, एल-2 एवं एल-3 कोविड अस्पतालों में स्थापित बेड की संख्या की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एल-1 अस्पतालों को निरन्तर कार्यशील रखते हुए, वहां सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास किया जाए। इन अस्पतालों मे ऑक्सीजन  कन्सन्ट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाए।
गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित विशेष जांच अभियान की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपद में आर0आर0टी0 की संख्या को बढ़ाकर तीन से चार गुना करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा हर गाँव में प्रत्येक लक्षणयुक्त व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए। प्रत्येक जिलाधिकारी निगरानी समितियों के माध्यम से लक्षणयुक्त एवं संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित करें। निगरानी समितियां मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के नाम एवं टेलीफोन नम्बर युक्त सूची भी तैयार करें। यह सूची आई0सी0सी0सी0 को प्रदान की जाए। आई0सी0सी0सी0 द्वारा सूची के व्यक्तियों का हाल-चाल प्राप्त करते हुए फीडबैक लिया जाए। उन्होंने कहा कि आर0आर0टी0 द्वारा गाँव-गाँव पहुंचकर लक्षणयुक्त एवं संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों की एण्टीजन जांच की जाए तथा उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुरूप उन्हें अस्पताल, क्वारंटीन सेन्टर अथवा होम आइसोलेशन में रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच हेतु पर्याप्त संख्या में एण्टीजन एवं आर0टी0पी0सी0आर0 किट की उपलब्धता सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में संचालित कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग के साथ ही शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 की जांच की कार्यवाही को पूर्व की भांति ही जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए इसके संक्रमण की चेन को तोड़ना आवश्यक है। इसके लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को हर हाल में बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कोविड-19 पर नियंत्रण एवं उपचार की कार्यवाही की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक जनपद से प्राप्त की जाए।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि प्रत्येक अस्पताल में एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। नोडल अधिकारी अस्पताल के बाहर राउण्ड लेकर चिकित्सालय आने वाले रोगियों के उपचार की व्यवस्था कराये। प्रत्येक हॉस्पिटल द्वारा प्रतिदिन कम से कम एक बार अस्पताल में भर्ती मरीज के स्वास्थ्य एवं उपचार सम्बन्धी जानकारी उसके परिजनों को दी जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य मंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री को इस सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त करने के लिए आवश्यकतानुसार टीमों के गठन के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल किट निगरानी समितियों द्वारा वितरित की जा रही है। जनपद गौतमबुद्धनगर में शहरी इलाकों में मेडिकल किट वितरण में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में मेडिकल किट वितरण में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर प्रभावी ढंग से किट वितरण कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संज्ञान में आ रहा है कि कतिपय निजी एम्बुलेंस संचालकों तथा निजी अस्पतालों द्वारा पीड़ितों को सेवा उपलब्ध कराने के लिए असंगत रूप से अत्यधिक धनराशि ली जा रही है। उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए निजी एम्बुलेंस सेवा की किराया दर निर्धारित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में उपचार की दर भी निर्धारित की जाए। प्रत्येक जनपद में रेमडेसिविर सहित अन्य जीवन रक्षक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें। रेमडेसिविर इन्जेक्शन डॉक्टर की मौजूदगी में ही दिया जाए। इस सम्बन्ध में एक सूची भी तैयार की जाए, जिस पर डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ दोनों द्वारा हस्ताक्षर किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर क्रियाशील रखे जाएं। इस सम्बन्ध में सम्बन्धित जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से लिखित रिपोर्ट प्राप्त की जाए। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों को  ऑक्सीजन की आपूर्ति की एक व्यावहारिक व्यवस्था बनायी जाए, जिससे विभिन्न जनपदों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप आपूर्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनायी जाए कि प्रत्येक जनपद में 24 घण्टे का ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में मरीजों को ऑक्सीजन सुलभ कराने के लिए भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ऑक्सीजन ऑडिट के माध्यम से ऑक्सीजन के समुचित उपयोग पर बल दिया। उन्होंने ऑक्सीजन के उत्पादन, आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अन्य उपलब्ध तकनीकों को प्राप्त करने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मियों द्वारा चिकित्सक के परामर्श पर ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की खरीद किये जाने पर नियमानुसार प्रतिपूर्ति की सुविधा अनुमन्य की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम सुचारु रूप से संचालित किया जाए। संक्रमण का प्रसार नियंत्रित करने और भीड़ एकत्र न होने देने के लिए प्रत्येक आयुवर्ग के टीकाकरण हेतु पहले से पंजीकृत लोगों को ही वैक्सीनेशन सेण्टर पर बुलाकर वैक्सीनेट किया जाए। वैक्सीनेशन के लिए ऑन स्पॉट पंजीकरण किसी भी दशा में न किया जाए। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग द्वारा विज्ञापन, होर्डिंग व अन्य माध्यमों से वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार कर जागरूकता उत्पन्न की जाए। आमजन को अवगत कराया जाए कि कोविड संक्रमित व्यक्ति संक्रमण के उपचार के बाद से कम से कम एक महीने बाद ही वैक्सीनेशन करायें। बुखार होने पर लोग वैक्सीनेशन न करायें।
मुख्यमंत्री ने 18 से 44 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन हेतु वैक्सीन की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत 01 मई से इस आयु वर्ग के लिए 07 जनपदों में संचालित वैक्सीनशन कार्यक्रम के अलावा, आगामी सोमवार से 11 अन्य जनपदों में भी यह टीकाकरण कार्यक्रम प्रारम्भ होगा। इस प्रकार प्रदेश के कुल 18 जनपदों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वयं उनके द्वारा किसी जनपद में वैक्सीनेशन का शुभारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री जनपद शाहजहांपुर तथा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किसी जनपद में वैक्सीनेशन प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि सांसदों एवं विधायकों द्वारा अलग-अलग वैक्सीनेशन सेण्टर्स पर वैक्सीनेशन का शुभारम्भ कराया जाए। इस कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन  किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना कर्फ्यू की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि सब्जी मंडियों को खुले स्थान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संचालित कराया जाए। मण्डी स्थल पर पुलिस कर्मी उपस्थित रहकर लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू करने तथा वहां डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस लाइन, पुलिस ट्रेनिंग सेण्टर और पी0ए0सी0 वाहिनियों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग की प्रभावी कार्यवाही पर बल देते हुए कोविड केयर सेण्टर के संचालन के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी किचन के माध्यम से सभी जरूरतमन्दों को फूड पैकेट उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि क्वारन्टीन सेण्टर पर भी भोजन आदि की व्यवस्था रहनी चाहिए। खाद्यान्न वितरण एवं गेहूं क्रय का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्राटोकॉल का पालन करते हुए सुचारु ढंग से कराया जाए। औद्योगिक संस्थानों/इकाइयों का निर्बाध संचालन कोविड से बचाव के उपाय अपनाते हुए जारी रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए। इसी प्रकार, सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कार्मिक क्षमता से ही कार्य लिया जाए। एक समय मे एक तिहाई से अधिक कर्मचारी कतई उपस्थित न रहें। इसके लिए रोस्टर तैयार करते हुए व्यवस्था को तत्काल प्रभावी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में 99,200 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करायी गयी है। साथ ही, औद्योगिक संस्थानों में स्थापित कोविड केयर सेण्टर में 2180 बेड की व्यवस्था भी की गयी है।

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