लखनऊ, 21 फरवरी 2023 (आईपीएन)। विधान परिषद सदन ने आज पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व विधान सभा अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी और सदन के मौजूदा सदस्य रहे बनवारीलाल दोहरे को श्रद्धांजलि दी। दोनों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही को सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कल बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह के सभापतित्व में शुरू हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व विधान सभा अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी के निधन की सूचना दी। सभापति ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि केशरीनाथ त्रिपाठी प्रसिद्ध कानूनविद् थे। वे राजनीति के पुरोधा थे। उनकी सरलता, सहजता और विविधता सबको प्रभावित करती थी। केशरीनाथ त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से ही पार्टी के सदस्य थे। उनके निधन से राजनीति, साहित्य के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति हुई है। पश्चिम बंगाल के साथ ही उन्होंने बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल का अतिरिक्त दायित्व भी संभाला है। राजनीति के साथ-साथ उन्होंने साहित्य विधा में उल्लेखनीय योगदान किया। जिसके चलते उन्होने हिन्दी संस्थान का कार्यकारी अध्यक्ष का भी दायित्व संभाला। इसके बाद सदन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
नेता सदन एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने सदन के वर्तमान सदस्य बनवारी लाल दोहरे के निधन पर शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बनवारीलाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नेता सदन ने कहा वे तीन बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और इस बार वे विधान परिषद के सदस्य थे। उन्होंने हमेशा गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों के लिए काम किया। उनके किये गये कार्यों को श्रेष्ठतम की श्रेणी में रखा जाये तो अनुचित न होगा। उन्होंने संसदीय समितियों में उत्कृष्ट कार्य किये। एक वाकया सुनाते हुए नेता सदन ने कहा कि बनवानी लाल ने अपने चुनाव क्षेत्र में जगह-जगह स्लोगन लिखवाये थे- ना दल बदला, ना दिल बदला। जब मैं उनके क्षेत्र में गया तो इस नारे ने हमें खासा प्रभावित किया। उनके निधन से पार्टी और क्षेत्र की जनता की अपूर्णीय क्षति हुयी है।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता लाल बिहारी यादव ने कहा कि क्षेत्र की जनता के दिल में वे हमेशा रहेंगे। बहुजन समाज पार्टी के नेता भीमराव अम्बेडकर ने कहा कि बनवारी लाल ने विषम परिस्थितियों में भी राजनीति में संघर्ष किया और जनता के उत्थान लिए काम किये। शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने उन्हें निष्ठावान नेता बताते हुए कहा कि आज की पीढ़ी के कार्यकर्ताओं के लिए उनका जीवन प्रेरणास्रोत है। वे गंभीर बीमारी के चलते हमारे बीच में नहीं रहे, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हॅूं। निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की स्मृतियां हमेशा हमारे साथ रहेंगी।
भाजपा के अरूण पाठक ने कहा कि दलित, गरीब, उपेक्षित, शोषित समाज के अधिकार के लिए वे हमेशा संघर्ष करते रहे। राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति उन्होंने काम किया। वे एक लोकप्रिय नेता थे। कैसे कम से कम संसाधन में समाज के अधिक से अधिक लोगों की सहायता की जाये, यह सीखना हो तो बनवारीलाल जी से सीखना चाहिए। वे पक्ष-विपक्ष सभी के जनप्रिय नेता थे।
भाजपा के मानवेन्द्र प्रताप सिंह गुरू जी ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा उनके लोकप्रिय होने की वजह थी-छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं की भी हमेशा चिन्ता करना। गरीब, उपेक्षित, दलित, वंचित समाज के लिए वे हमेशा चिंतित रहे।
भाजपा सदस्य सुरेन्द्र चैधरी ने कहा वे हमेशा पार्टी के लिए समर्पित भाव से लगे रहे। निर्बल वर्ग, अनुसूचित वर्ग के लोगों की उन्होंने हमेशा मदद की। वे व्यवहारिक व्यक्ति थे। ऐसे समर्पित निष्ठावान व्यक्तित्व बिरले ही होते हैं। धर्म वीर प्रजापति ने उन्हें सरल हृदय और संगठन के समर्पित राजनेता बताते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें जो भी दायित्व दिया उसे उन्होंने पूरी लगन और निष्ठा के साथ निभाया। सुभाष चन्द्र उर्फ सुभाष यदुवंशी ने उन्हें युवा शक्ति का अभिनन्दन करनेवाले नेता के रूप में याद करते हुए कहा कि उनके मन में हमेशा वंचित-शोषितों के उत्थान का भाव रहता था। सलिल विश्नोई ने उन्हें सरल, सहज स्वभाव के धनी राजनेता के रूप में याद करते हुए कहा कि आम कार्यकर्ता के बीच वे खासे लोकप्रिय थे। राजनीति में ऐसे निष्ठावानों की संख्या कम है। सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि बनवारी लाल छात्रजीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। वे राजनीतिक गतिविधियों के साथ ही साथ सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहे। काल के कू्रर हाथों ने उन्हें हमसे असमय ही छीन लिया। इसके सम्पूर्ण सदन ने कुछ क्षण खड़े होकर मौन धारण किया। इसके बाद सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह ने 11ः32 बजे सदन की बैठक को कल तक के लिये स्थगित कर दिया।
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