Nirmla Sitharaman :: यह अमृतकाल का बजट है। वैश्विक मंदी के बावजूद दुनिया ने भारत की आर्थिक स्थिति को सराहा है। हमारी अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है।
मत्स्य संपदा से जुड़ी नई उपयोजना में 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कृषि ऋण का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
इस बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तऋषि की तरह अमृतकाल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करेंगी।
कल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से देश का सतत विकास सुनिश्चित किया गया है।
मोटा अनाज हमारे लिए 'श्री अन्न' इसके उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि स्टार्ट-अप्स के लिए 'कृषि वर्धक निधि' की स्थापना की जाएगी। 2,200 करोड़ रुपये के साथ 'आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम' की शुरुआत की जाएगी।
जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण किया जा सके।
अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
अगले तीन साल में एकलव्य स्कूलों में 38,800 अध्यापकों व सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
देश में राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्ट संस्थान खोले जाएंगे।
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